मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा फैसला मंत्री प्रदर्शन रिपोर्ट भी अहम

मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद होगा फैसला मंत्री प्रदर्शन रिपोर्ट भी अहम

भोपाल । मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार के दो वर्ष पूरे होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों के अनुसार यह विस्तार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन के बाद ही किया जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मंत्रालयों के कार्यों का गहन मूल्यांकन किए जाने के बाद ही इस प्रक्रिया में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद विस्तार की संभावना

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 20 जनवरी 2026 को समाप्त हो रहा है और पार्टी नेताओं का मानना है कि इस तिथि के आसपास भाजपा को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी के नेताओं के बीच चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने के बाद ही मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार पर निर्णय लिया जाएगा। इसके पीछे यह कारण है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेरबदल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है लेकिन यह बदलाव भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद ही होगा।

मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन पर रिपोर्ट कार्ड तैयार

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया में एक और महत्वपूर्ण पहलू है जो सरकार के मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन से जुड़ा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के मंत्रियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए अलग-अलग एजेंसियों से रिपोर्ट कार्ड तैयार करवाया है। इन रिपोर्ट कार्ड्स में मंत्रियों की कार्यकुशलता जनता के प्रति उनकी जिम्मेदारी और उनके विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई है। माना जा रहा है कि इन रिपोर्ट्स को विस्तार के निर्णय में अहम भूमिका दी जाएगी।

हालांकि सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश के कुछ मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन से काफी नाराज भी है और इन रिपोर्ट्स के आधार पर ही अगले कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा मंत्रियों के कामकाज का आकलन करने के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विभागवार समीक्षा बैठकें भी आयोजित की हैं। इन बैठकों का उद्देश्य मंत्रियों की कार्यशैली का मूल्यांकन करना और यह सुनिश्चित करना था कि हर विभाग अपने लक्ष्यों को पूरा कर रहा है या नहीं।

छत्तीसगढ़ के बाद मध्य प्रदेश में भी होगा फेरबदल

इसी साल छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार हुआ था और इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मध्य प्रदेश में भी मोहन यादव अपनी टीम में फेरबदल कर सकते हैं। भाजपा नेताओं के अनुसार केंद्रीय नेतृत्व की निगाहें अब प्रदेश के मंत्रियों पर हैं और उनके प्रदर्शन की समीक्षा के आधार पर ही किसी को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या फिर बाहर किया जाएगा।

विस्तार के लिए प्रमुख नेता की नियुक्ति

मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान इस बात की संभावना जताई जा रही है कि कुछ नई चेहरों को भी मौका दिया जा सकता है खासकर उन नेताओं को जो हाल के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके हैं या फिर जिनकी जनता में बेहतर छवि बन चुकी है। इस विस्तार के बाद यह देखा जाएगा कि सरकार में किसी को नई जिम्मेदारी दी जाती है या कुछ पुराने मंत्रियों को बदलकर नए मंत्रियों की नियुक्ति की जाती है।

केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी और मंत्रियों की समीक्षा

केंद्रीय नेतृत्व का मध्य प्रदेश के मंत्रियों के प्रति असंतोष का मुख्य कारण उनके कार्यों में लापरवाही और प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर उनका कमजोर रवैया बताया जा रहा है। भाजपा की केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि किसी भी तरह की असंतोषपूर्ण कार्यशैली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही अपने विभागों में सुधार और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए तैयार रहें।

मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के लिए सभी आँखें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव पर टिकी हैं। यह संभावना जताई जा रही है कि जेपी नड्डा के कार्यकाल के अंत और नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्रिमंडल में फेरबदल करेंगे। इस निर्णय में प्रमुख भूमिका मंत्रियों के कार्य प्रदर्शन पर तैयार रिपोर्ट कार्ड की होगी जो भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय को प्रभावित करेगा। इसके अलावा जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल में बदलाव किए जाएंगे।

Loknathnews

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