संजय कपूर की वसीयत पर विवाद प्रिय ,सचदेव कपूर ने दिल्ली हाई कोर्ट में विदेशी संपत्तियों पर दलील दी
यह विवद तब शुरू हुआ जब संजय कपूर की पहली पत्नी और बॉलीवुड अभिनेत्री करिश्म कपूर के बच्चे समयर और कियनअपनी मं को अभिभवक बनकर अदलत पहुंचे। उन्होंने आरोप लगय कि प्रिय। कपूर ने संजय की वसीयत को फर्जी तरीके से तैयर किय हैऔर वह इस वसीयत के आधर पर विदेशों में स्थित करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर मलिकन हक जतन चहती हैं।
दिल्ली हई कोर्ट में सुनवई और दलीलें
मंगलवर को दिल्ली हई कोर्ट में सुनवई के दौरन प्रिय। कपूर और उनके नबलिग बेटे के वकील ने यह दलील दी कि विदेशों में स्थित अचल संपत्तियों को लेकर किसी भी प्रकर क आदेश विदेशी न्ययलयों के अधिकर क्षेत्र में आत है। ऐसे में दिल्ली हई कोर्ट इन संपत्तियों पर कोई स्टेटस-को य प्रतिबंध लगने क आदेश नहीं दे सकती। इस पर न्ययमूर्ति ज्योति सिंह ने सभी पक्षकरों की दलीलें सुनीं और सभी को लिखित जवब दखिल करने क निर्देश दिय। कोर्ट ने ममले को 22 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कियजब यह तय किय जएग कि दिल्ली हई कोर्ट विदेशी संपत्तियों पर कोई अंतरिम रहत दे सकती है य नहीं।
करिश्म कपूर के बच्चों क पक्ष
इस दौरन करिश्म कपूर के बच्चों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्त महेश जेठमलनी ने अदलत से अनुरोध किय कि यदि कोर्ट सीधे विदेशी संपत्तियों पर आदेश नहीं दे सकतीतो कम से कम प्रिय कपूर को फर्जी वसीयत क इस्तेमल करके विदेशों में स्थित संपत्तियों क मलिकन हक लेने से रोक जए। करिश्म के बच्चों क आरोप है कि संजय कपूर द्वर तैयर की गई कथित वसीयत में लगभग 30000 करोड़ रुपये की संपत्तियों क उल्लेख हैऔर इस वसीयत की सत्यत पर गंभीर सवल उठए ज रहे हैं।
AIPL में शेयरों क विवद
प्रिय। कपूर के नबलिग बेटे के वकील अखिल सिब्बल ने कोर्ट में यह स्पष्ट किय कि प्रिय कपूर क में स्थित शेयरों को बेचने क कोई इरद नहीं है। उनके अनुसरये शेयर संजय कपूर की मृत्यु के बद कनूनी रूप से प्रिय के नम ट्रंसफर हुए हैं। यह विवद केवल विदेशों में स्थित अचल संपत्तियों के संबंध में हैजिन पर दिल्ली हई कोर्ट कोई आदेश नहीं दे सकती।
संजय कपूर क परिवर और संपत्ति क विवद
इस ममले में केवल करिश्म कपूर के बच्चे ही नहींबल्कि संजय कपूर की मं और बहन भी वसीयत की प्रमणिकत पर सवल उठ चुकी हैं। संजय कपूरजो Sona Comstar के चेयरमैन थेइस वर्ष जून में लंदन में एक पोलो मैच के दौरन निधन हो गए थे। संजय की शदी पहले करिश्म कपूर से 2003 से 2016 तक रहीऔर फिर 2017 में प्रिय सचदेव कपूर से हुई थी।
आने वली सुनवई और संभवित कनूनी मोड़
22 दिसंबर को अदलत यह तय करेगी कि क्य दिल्ली हई कोर्ट विदेशी संपत्तियों के संबंध में कोई अंतरिम रहत दे सकती हैय फिर इस ममले को संबंधित विदेशी न्ययलयों के अधिकर क्षेत्र में भेज जएग। यह ममल संजय कपूर की संपत्ति को लेकर कनूनी दंव-पेच क हिस्स बन चुक है और कपूर परिवर को कई हिस्सों में बंटने वल है। आने वले दिनों में यह ममल और भी महत्वपूर्ण कनूनी मोड़ ले सकत हैजिससे परिवर के रिश्तों और संपत्तियों की भविष्यवणी करन मुश्किल हो सकत है। संपत्ति विवदों के इस जटिल ममले ने कपूर परिवर में दररें पैद कर दी हैं और यह पूरी कनूनी लड़ई न केवल एक परिवरबल्कि भरतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रमुख परिवर के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।

