इंदौर में खुलासा यूनिवर्सिटी कर्ताधर्ता के भाई हमूद पर दंगा और मर्डर अटेंम्प्ट के केस दर्ज

इंदौर में खुलासा यूनिवर्सिटी कर्ताधर्ता के भाई हमूद पर दंगा और मर्डर अटेंम्प्ट के केस दर्ज

मध्य प्रदेश । महू पुलिस की वर्षों पुरानी फाइलें एक बार फिर खुल रही हैं और उन फाइलों के पन्नों पर दर्ज नाम है हमूद सिद्दीकी। वही हमूद जो कभी महू के मुकेरी पुरा में रहता था और जिसके खिलाफ लगभग तीन दशक पहले दंगे और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मामले दर्ज हुए थे। लंबे समय से पुलिस की पकड़ से बाहर चल रहा यह आरोपी आखिरकार हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया गया है और अब उसके पुराने कारनामे तेजी से सामने आ रहे हैं।

हमूद के खिलाफ 1988 और 1989 में दंगे भड़काने और हत्या का प्रयास करने के मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद वह पुलिस की नजरों से गायब होने लगा। समय बीतता गया और वर्ष 2000 में उस पर फिर तीन नए मामले दर्ज किए गए जिनमें धोखाधड़ी और चिटफंड घोटाला शामिल था। बताया जाता है कि इस दौरान प्लान बनाकर वह और उसका पूरा परिवार महू से रातों रात भाग गया। कई परिवारों को पैसा दोगुना करने का सपना दिखाकर उसने लाखों रुपये हड़प लिए थे।

चौंकाने वाली बात यह है कि इतने गंभीर घोटालों के बाद भी महू पुलिस ने लगभग 25 साल तक हमूद को पकड़ने की कोई ठोस कोशिश नहीं की। मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। लेकिन दिल्ली में हुए हालिया बम विस्फोट ने तस्वीर बदल दी। जांच एजेंसियों के हाथ जब यह सुराग लगा कि बम विस्फोट में शामिल दो आतंकी अलफलाह यूनिवर्सिटी में काम करते थे तो एजेंसियों ने यूनिवर्सिटी से जुड़े हर व्यक्ति की पड़ताल शुरू कर दी।

अलफलाह यूनिवर्सिटी का संबंध सिद्दीकी परिवार से है। इसमें चांसलर जवाद सिद्दीकी का नाम आता है जो महू का ही रहने वाला है और उसी का भाई है हमूद। जवाद फिलहाल पुलिस को नहीं मिल रहा और उसके दुबई भाग जाने की आशंका जताई जा रही है। उसकी दो बहनें और बेटे दुबई में रहते हैं इसलिए पुलिस को शक और गहरा हो गया है। इसी बीच जवाद की गतिविधियों की जांच करते हुए पुलिस को हमूद का भी पता चला। फिर महू पुलिस ने तुरंत हैदराबाद जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

यह गिरफ्तारी सिर्फ एक धोखाधड़ी के आरोपी की नहीं बल्कि एक ऐसी कड़ी की है जो बड़े नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है। अब पुलिस इस सवाल की तहकीकात में जुट गई है कि आखिर हमूद किन लोगों के संपर्क में था और क्या वह भी किसी देश विरोधी गतिविधि में शामिल था या नहीं। इसके अलावा महू में किए गए घोटाले के पैसों का इस्तेमाल कहां किया गया यह भी बड़ा सवाल है। पुलिस को आशंका है कि चिटफंड घोटाले की रकम से ही जवाद ने फरीदाबाद में इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू किया हो सकता है। यह भी जांच का अहम हिस्सा बनेगा कि हमूद की इस पूरे नेटवर्क में क्या भूमिका रही।

महू पुलिस का दावा है कि हमूद की गिरफ्तारी के बाद कई पुराने मामलों की परतें खुलेंगी और सिद्दीकी परिवार की संदिग्ध गतिविधियों का पूरा सच सामने आएगा। यह भी सामने आया है कि 25 साल तक हमूद महू पुलिस की पकड़ से दूर कैसे रहा और इस दौरान वह किन शहरों में छिपता रहा। फिलहाल पुलिस हमूद से पूछताछ कर रही है और उसके पुराने रिकार्ड के साथ साथ उसके मौजूदा संपर्कों को खंगालने में लगी है। दिल्ली बम कांड में महू का नाम आने के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां बेहद सतर्क हो गई हैं। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े कई और खुलासे हो सकते हैं और सिद्दीकी परिवार की गतिविधियों पर बड़ी कार्रवाई भी संभव है।

News Editor

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