चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 मार्च से मां दुर्गा की पूजा से मिलेगा जीवन में सुख और समृद्धि चैत्रनवरात्रि2026

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 मार्च से मां दुर्गा की पूजा से मिलेगा जीवन में सुख और समृद्धि चैत्रनवरात्रि2026


नई दिल्‍ली ।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। इसी माह से हिंदू नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से जहां नववर्ष 1 जनवरी को आता है वहीं हिंदू नववर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी होती है। यह एक प्रमुख धार्मिक पर्व है जिसमें मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि का आयोजन विशेष रूप से शांति समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की उपासना के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं ताकि उनका जीवन खुशहाल और समृद्ध हो सके।

चैत्र नवरात्रि 2026: तिथि और अवधि

चैत्र नवरात्रि 2026 का आरंभ 19 मार्च को होगा जो कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है। यह दिन विशेष रूप से कलश स्थापना के लिए महत्वपूर्ण होता है। इसके बाद नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की उपासना का सिलसिला चलता है। नवमी तिथि 27 मार्च को आएगी और इसी दिन राम नवमी का पर्व भी मनाया जाएगा। इस दिन विशेष रूप से राम भक्तों द्वारा श्रीराम के जन्मोत्सव की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि की समाप्ति 27 मार्च को होगी। इस दिन विशेष रूप से दिनभर देवी पूजा की जाती है और उपवासी भक्तों द्वारा व्रत का पारण किया जाता है।

चैत्र नवरात्रि 2026: कलश स्थापना मुहूर्त

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से एक पवित्र मिट्टी के कलश को घर के पूजा स्थान पर स्थापित किया जाता है और फिर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा शुरू होती है।

19 मार्च 2026 को कलश स्थापना का मुहूर्त इस प्रकार है

सुबह का मुहूर्त 06:00 AM – 06:45 AM
दोपहर का मुहूर्त 11:30 AM – 12:15 PM
सांयकाल का मुहूर्त 06:00 PM – 06:45 PM

इन मुहूर्तों में से जो भी समय आपके लिए सुविधाजनक हो उस समय कलश स्थापना कीजिए। विशेष रूप से शुद्धि और पवित्रता का ध्यान रखें। पूजा के दौरान श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी दुर्गा की उपासना करें और व्रत का संकल्प लें।

देवी पूजा और विशेष अनुष्ठान

चैत्र नवरात्रि के दौरान प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अलग रूप की पूजा की जाती है। इस प्रकार के अनुष्ठानों से मनुष्य को न केवल मानसिक शांति मिलती है बल्कि उसके जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी संभव होता है।

प्रथम दिन 19 मार्च मां शैलपुत्री की पूजा होती है। दूसरे दिन 20 मार्च मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। तीसरे दिन 21 मार्च मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। चौथे दिन 22 मार्च मां कूष्मांडा की पूजा होती है पांचवे दिन 23 मार्च मां स्कंदमाता की पूजा होती है। छठे दिन 24 मार्च मां कात्यायनी की पूजा होती है। सातवे दिन 25 मार्च मां कालरात्रि की पूजा होती है। आठवे दिन 26 मार्च मां महागौरी की पूजा होती है नौवे दिन 27 मार्च मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है साथ ही साथ राम नवमी का पर्व मनाया जाता है। इन नौ दिनों में व्रति पूजा और उपासना से भक्तों को मानसिक शारीरिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

चैत्र नवरात्रि 2026 का आरंभ 19 मार्च से हो रहा है और इसके साथ ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत भी होती है। यह समय देवी दुर्गा की उपासना व्रत और पूजा का होता है जिससे भक्त अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। कलश स्थापना के दौरान विशेष मुहूर्त का पालन करें और नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा कर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाएं। इस अवसर पर घर में मां दुर्गा का व्रत करना और उनकी पूजा करना निश्चित रूप से जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।इस अवसर पर घर में मां दुर्गा का व्रत करना और उनकी पूजा करना निश्चित रूप से जीवन में सुख और शांति लेकर आता है।

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