नई दिल्ली
।हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। वैभव लक्ष्मी व्रत माता लक्ष्मी के उसी स्वरूप की उपासना का विशेष माध्यम है, जो जीवन में आर्थिक स्थिरता, मानसिक शांति और पारिवारिक खुशहाली प्रदान करता है। यह व्रत मुख्य रूप से शुक्रवार के दिन रखा जाता है और इसे विशेष रूप से व्यापार, नौकरी, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से की जा सकती है। व्रत करने वाले व्यक्ति को शुरुआत में 11 या 21 शुक्रवारों तक व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए। हालांकि, मलमास या खरमास में इस व्रत की शुरुआत या उद्यापन नहीं करना चाहिए।
।हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। वैभव लक्ष्मी व्रत माता लक्ष्मी के उसी स्वरूप की उपासना का विशेष माध्यम है, जो जीवन में आर्थिक स्थिरता, मानसिक शांति और पारिवारिक खुशहाली प्रदान करता है। यह व्रत मुख्य रूप से शुक्रवार के दिन रखा जाता है और इसे विशेष रूप से व्यापार, नौकरी, पारिवारिक कलह और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत की शुरुआत किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार से की जा सकती है। व्रत करने वाले व्यक्ति को शुरुआत में 11 या 21 शुक्रवारों तक व्रत रखने का संकल्प लेना चाहिए। हालांकि, मलमास या खरमास में इस व्रत की शुरुआत या उद्यापन नहीं करना चाहिए।
वैभव लक्ष्मी व्रत की सही पूजा विधि
व्रत के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ, साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। पूजा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए।लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। साथ ही श्रीयंत्र, कलश और चांदी का सिक्का रखें। माता लक्ष्मी को सिंदूर, रोली, मौली, लाल फूल, फल और खीर का भोग अर्पित करें। इसके बाद विधिपूर्वक वैभव लक्ष्मी व्रत कथा का पाठ करें। कथा के बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है।पूजा के अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें और परिवार के सभी सदस्यों की सुख-समृद्धि की कामना करें।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
वैभव लक्ष्मी व्रत के दिन सात्विकता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। तामसिक भोजन से पूरी तरह परहेज़ करें। प्याज, लहसुन, मांसाहार और खट्टी चीज़ों का सेवन न करें। फल, दूध, मखाने और हल्का सात्विक भोजन ग्रहण करना शुभ माना जाता है।पूजा के दौरान मन, वचन और कर्म की शुद्धता आवश्यक है। नकारात्मक विचारों से दूर रहें और माता लक्ष्मी का ध्यान करते हुए श्रद्धा बनाए रखें। व्रत के दिन जरूरतमंदों को दान देना और सेवा करना अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है, जिससे व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
वैभव लक्ष्मी व्रत के लाभ
वैभव लक्ष्मी व्रत को श्रद्धा और नियमों के साथ करने से व्यक्ति को आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है। घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मानसिक तनाव कम होता है और आत्मिक शुद्धता प्राप्त होती है।इसके साथ ही व्यवसाय और नौकरी में उन्नति के नए अवसर बनते हैं। पारिवारिक कलह दूर होती है और पितरों की कृपा भी प्राप्त होती है। कुल मिलाकर, वैभव लक्ष्मी व्रत जीवन में समृद्धि, खुशहाली और स्थिरता लाने वाला एक अत्यंत प्रभावशाली धार्मिक अनुष्ठान है।

