नई दिल्ली । पुत्रदा एकादशी 2025 का व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति और घर में सुख-समृद्धि की कामना करने के लिए बहुत ही फलदायी माना जाता है। यह व्रत दो बार साल में होता है एक बार पौष माह में और दूसरा सावन महीने में। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतान की उम्र भी लंबी होती है। साथ ही इस व्रत के द्वारा व्यक्ति को धन धान्य और ऐश्वर्य भी मिलता है।
पुत्रदा एकादशी की तिथि और मुहूर्त 2025
2025 में पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत 30 और 31 दिसंबर को रखा जाएगा। यह असमंजस की स्थिति बना सकता है कि व्रत किस दिन किया जाए लेकिन बता दें कि दोनों दिन एकादशी का व्रत किया जाएगा। आरंभ तिथि 30 दिसंबर 2025 को सुबह 7 बजकर 50 मिनट समाप्ति तिथि 31 दिसंबर 2025 को सुबह 5 बजे पारण का शुभ मुहूर्त 31 दिसंबर 2025 को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट से 3 बजकर 31 मिनट तक
व्रत का महत्व
पुत्रदा एकादशी का व्रत विशेष रूप से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले व्यक्तियों के लिए किया जाता है। यह व्रत संतान को सुंदर बुद्धिमान और स्वस्थ बनाने में मदद करता है। इसके अलावा जिनकी पहले से संतान है उनके संतान की उम्र लंबी होती है। इस व्रत से घर में धन और ऐश्वर्य भी बढ़ता है। यह व्रत दो दिनों तक रखा जाता है जहां गृहस्थ पहले दिन व्रत रखते हैं और दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय के लोग उपवासी रहते हैं।
पारण का समय
पुत्रदा एकादशी का पारण 31 दिसंबर 2025 को किया जाएगा और इसके लिए शुभ मुहूर्त 1 जनवरी 2026 को सुबह 7 बजकर 14 मिनट से 9 बजकर 18 मिनट तक रहेगा पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख की प्राप्ति आयु वृद्धि और समृद्धि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। 2025 में यह व्रत 30 और 31 दिसंबर को रखा जाएगा और इसका पारण 1 जनवरी 2026 को शुभ मुहूर्त में होगा।

