उज्जैन । हनुमान अष्टमी 12 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से हनुमानजी के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में हनुमानजी ने पाताल लोक में अहिरावण का वध करके भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त किया था। इस वजह से यह दिन विजय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। हनुमानजी की पूजा से न केवल भक्तों को मानसिक शांति और शक्ति मिलती है बल्कि ग्रहों के विपरीत प्रभाव से मुक्ति भी मिलती है।
हनुमानजी की पूजा का महत्व
हनुमान अष्टमी के दिन देशभर के मंदिरों में विशेष पूजा आरती और भंडारे आयोजित किए जाते हैं। हनुमानजी का अभिषेक पूजन सुबह होता है जबकि शाम को महाआरती होती है। इस दिन कई मंदिरों में चल समारोह भी निकलते हैं जिनमें श्रद्धालु अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं। उज्जैन में हनुमान अष्टमी विशेष रूप से धूमधाम से मनाई जाती है क्योंकि यहाँ हनुमानजी ने पाताल लोक से लौटने के बाद विश्राम किया था। यह विश्राम पृथ्वी के नाभि केंद्र पर स्थित उज्जैन में हुआ था और यह संयोग था कि उस दिन पौष कृष्ण अष्टमी तिथि थी।
हनुमानजी की पूजा से प्राप्त लाभ
इस दिन हनुमानजी की पूजा करने से भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेष रूप से उन लोगों के लिए हनुमान अष्टमी का दिन बहुत शुभ होता है जिनकी जन्म पत्रिका में शनि मंगल या राहु की विपरीत स्थिति है। ऐसे व्यक्तियों को हनुमानजी की आराधना करने से नकारात्मक ग्रहों के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। अगर किसी व्यक्ति पर शनि की साढ़े साती या ढैया का प्रभाव हो तो वह इस दिन हनुमानजी को तेल और सिंदूर चढ़ाएं हनुमान चालीसा और हनुमान अष्टक का पाठ करें। यह उन्हें संकटों से मुक्त कर सकता है।
शनि और मंगल की अनुकूलता के लिए विशेष उपाय
ज्योतिषाचार्य पं. हरिहर पंड्या के अनुसार हनुमान अष्टमी का दिन शनि और मंगल के अनुकूल होने के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। यदि किसी की जन्म पत्रिका में इन ग्रहों की विपरीत स्थिति है तो हनुमानजी की पूजा से ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। प्रत्येक शनिवार और मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करने और दीपक लगाने से भी व्यक्ति को जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
उज्जैन में हनुमान अष्टमी का पर्व और भी अधिक महत्व रखता है क्योंकि यहाँ हनुमानजी ने पाताल लोक से लौटने के बाद विश्राम किया था। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। विशेष रूप से नानाखेड़ा चाणक्यपुरी स्थित श्री परशुराम मंदिर में हनुमानजी के दर्शन का विशेष महत्व है। यहाँ पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और विशेष पूजा करते हैं। इस बार भी हनुमान अष्टमी पर यहाँ विशेष उत्सव का आयोजन किया जाएगा।

