भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने मंगलवार को उज्जैन में सिंहस्थ (कुंभ मेले) (Ujjain Simhastha (Kumbh Mela) के लिए लाई गई लैंड पूलिंग योजना (Land pooling scheme) को पूरी तरह से निरस्त कर दिया। सरकार की ओर से इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है। मध्य प्रदेश सरकार ने यह फैसला भारतीय किसान संघ (बीकेएस) की लगातार मांग और 26 दिसंबर से फिर से आंदोलन की चेतावनी के बाद लिया।
उज्जैन उत्तर से सत्तारूढ़ भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा (MLA Anil Jain Kaluheda) ने भी मुख्यमंत्री मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) को पत्र लिखकर योजना को किसान हित में निरस्त करने की मांग की थी और किसानों के आंदोलन में शामिल होने की मजबूरी जताई थी।
अगला सिंहस्थ मेला 2028 में आयोजित किया जाएगा। इसे देखते हुए मोहन यादव सरकार ने स्थायी निर्माण के लिए किसानों की जमीन हासिल करने की यह नीति शुरू की थी जबकि पहले किसानों से सिंहस्थ के लिए केवल 5 से 6 महीनों के लिए ही जमीन ली जाती थी, इसलिए किसान संगठन इसका कड़ा विरोध कर रहे थे।
भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने इस योजना को लेकर विरोध किया था। बीकेएस के आह्वान पर 18 नवंबर को ‘डेरा डालो, घेरा डालो’ आंदोलन की घोषणा के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने लैंड पूलिंग अधिनियम को निरस्त करने की घोषणा की थी। हालांकि बाद में इसे केवल संशोधित करने का पत्र जारी किया गया था। इससे किसान नाराज हो गए थे।
किसानों ने नए सिरे से अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा कर दी थी। मध्य प्रदेश के राज्यपाल के आदेशानुसार, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव की ओर से हस्ताक्षरित आदेश में उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित नगर विकास योजना क्रमांक 8, 9, 10, 11 को संशोधित करने वाले प्रस्ताव को लोकहित में अब पूर्ण रूप से निरस्त करने की बात कही गई है।

