Increasing arrogance of bureaucracy is a big threat to democracy - Suresh Sharma
पत्रकार श्रमजीवी नहीं वह बुद्धिजीवी है-रविन्द्र बाजपेयी

जर्नलिस्टस एशोसिएशन ऑफ मध्यप्रदेश की प्रदेश कार्य समीति की बैठक
भोपाल,17 दिसम्बर/जर्नलिस्ट एशोसिएशन ऑफ मध्यप्रदेश जम्प की प्रदेश कार्य समीति की भोपाल में आयोजित बैठक में जहां अनेक निर्णय पत्रकारों के हितों को लेकर लिये गये तो वहीं अनेक प्रस्ताव भी पारित हुये इस दौरान सरकार के कामकाज ब्यूरोकेशी की बढती उद्ंडता जैसे मुद्दे भी बैठक में छाये रहे। बैठक का शुभारंभ मां वीणापाणी की मूर्ति पर माल्यापर्ण एवं दीपप्रज्जवलन के साथ देश के सबसे बडे पत्रकार संगठन जो कि अंर्तराष्टीय स्तर पर भी सबसे बडा संगठन माना जाता है नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ इंडिया एनयूजेआई के राष्टीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा,बरिष्ठ पत्रकार एवं एनयूजेआई के पूर्व उपाध्यक्ष रामभुवन सिंह कुशवाह,जम्प के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र बाजपेयी,महिला पत्रकार ईकाई संयोजिका आभा निगम,वरिष्ठ पत्रकार महेन्द्र दुबे,डा.आनंद शुक्ला ने किया। मंचासीन सभी अतिथियों की मानवंदना जम्प के पदाधिकारियों एवं कार्यसमीति सदस्यों ने पुष्पहारों से की तो चंपालाल गुर्जर के नेतृत्व में इंदौर से आये पत्रकारों ने पगडी,अंगवस्त्र एवं स्मृति चिंह देकर की। आयोजन के प्रयोजन के संबध में डा.आनंद शुक्ला ने विस्तार से बात रखते हुये सभी का शब्दोें के माध्यम से स्वागत किया।

चिंतन,मनन और संदेश-
नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ इंडिया एनयूजेआई के राष्टीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि पत्रकारिता का जो मूल उद्देश्य है वह हमसे दूर होते जा रहा है। आज सभी की जरूरत विज्ञापन हो गयी है जिसके कारण अनेक बार खबर पर काम नहीं हो पाता। उन्होने कहा कि पूर्व में अनेक नामी उघोगपति पत्रकारिता के क्षेत्र में थे लेकिन वह दौर काॅर्पोरेट माडल से अलग था। इसलिये दोनो के दृष्टिकोण में अंतर साफ दिखाई देता था। श्री शर्मा ने टीव्ही न्यूज चेनल के एंकर,न्यूज शो की संस्कृति पर प्रश्न चिंह अंकित करते हुये कहा कि इसको पत्रकारिता से जोडना एकदम गलत है। यह पत्रकार नहीं सिर्फ एक शो मेन है और उसका शो है।
पत्रकारिता क्या-
सुरेश शर्मा ने कहा कि पत्रकार का काम यह तय करना है कि घटना क्या है उसका सामाजिक अर्थ क्या है और जनता के लिये उसका महत्व क्या है। भोपाल के बरिष्ठ पत्रकार गिरीश उपाध्याय को कोड करते हुये उन्होने कहा कि आज हमने खबर और सूचना के फर्क को हमने भुला दिया है। जबसे हमने खबर की जगह सूचना को महत्व देना प्रारंभ किया है तभी से हमारी साख गिरने लगी है। उन्होने जोर देकर कहा कि पत्रकारिता को फिर से जनता की तरफ लौटना होगा। आज पत्रकारिता पर लांछन इसलिये लगने लगे हैं कि हमने मूल काम को छोड दिया है। उन्होने कहा कि सरकारें झुकाई जा सकती हैं अगर आपका रास्ता सही और स्वार्थ पूर्ण न हो।
मोहन सरकार को चेतावनी-
नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ इंडिया एनयूजेआई के राष्टीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि मुख्य मंत्री मोहन यादव तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा पत्रकारों के हितों से संबधित लिये गये निर्णयों को रद्दी की टोकरी में फेंकने की भूल न करे। उन्होने आगाह कि शीघ्र उस समय लिये गये सरकार के निर्णयों पर कार्य प्रारंभ किया जाये। उन्होने इस दौरान पत्रकारों की एकता और शक्ति का उल्लेख भी किया।
बढती ब्यूरोकेशी की उदंडता लोकतंत्र के लिये खतरा-
नेशनल जर्नलिस्ट यूनियन ऑफ इंडिया एनयूजेआई के राष्टीय अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में ब्यूरोकेशी की बढती उदंडता को लोकतंत्र के लिये बढा खतरा बताया। उन्होने कहा कि सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिये तो पत्रकारों को भी इस समस्या से निपटने के लिये तैयार रहने कहा। इस संबध मे उन्होने कुछ उदाहरण भी प्रस्तुत किये।
पत्रकार श्रमजीवी नहीं वह बुद्धिजीवी –
जर्नलिस्टस एशोसिएशन ऑफ मध्यप्रदेश जम्प के प्रदेशाध्यक्ष रविन्द्र बाजपेयी ने कहा कि आने वाला बर्ष 2026 को संगठन सशक्तिकरण बर्ष के रूप में मनाया जायेगा। जिसमें प्रदेश में विविध प्रकार के तय आयोजनों के साथ संगठन की सदस्यता को बढाने एवं उसको मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जायेगा। उन्होने कहा कि कुछ लोग पत्रकारों को श्रमजीवि कहते हैं मेरा मानना है कि पत्रकार श्रमजीवि नहीं वह बुद्धिजीवि है। उन्होने इस अवसर पर अपने प्रेरणादायी उद्बोधन में उपस्थित पदाधिकारियों का उत्साहवर्धन किया एवं दिशा निर्देश दिये।
इन्होने कहा-
बरिष्ठ पत्रकार एवं वं एनयूजेआई के पूर्व उपाध्यक्ष रामभुवन सिंह कुशवाहा ने कहा कि हम कमजोर नहीं है विश्व के सबसे बडे संगठन के हम सदस्य हैं। उन्होने अपने अनुभवों को साझा करते हुये अपने प्रेरणादायी उदबोधन में पत्रकारों को नई दिशा देने का प्रयास किया।महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका पत्रकार आभा निगम ने कहा कि रियल पत्रकारिता करने वालों को आज परेशान किया जा रहा है। कापी पेस्ट करने वालों को पत्रकार की श्रेणी में खडा किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार प्रतिबर्ष हमारे साथ खेल खेलती है वह बीमा के प्रीमियम को बढाती है और फिर कम करके एहसान जताती है। प्रदेश सरकार द्वारा तत्कालीन शिवराज सिंह चैहान सरकार के पत्रकारों के हितों में लिये निर्णय को लागू करने पत्रकार सुरक्षा कानून लाने पर जोर दिया गया। पत्रकार डा.हंसा वैष्णव ने कहा कि संगठन को मजबूती प्रदान करने की दिशा में काम करने हम सभी कृत संकल्पित हैं। उन्होने कहा कि पत्रकारिता के गिरते स्तर को लेकर भी चिंतन करने की आवश्यकता है। वहीं राजेश यादव, नंदकुमार अशोक बडगुर्जर, दिनेश , प्रकाश त्रिवेदी, जानेंद्र त्रिपाठी, चेतन अग्रवाल, डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव, आरडी राठौर, सुरेन्द्र नामदेव, दीपक, जितेंद्र माहेश्वरी, सुरेश कटलाना,प्रकाश जैन, देवेंद्र शिवहरे,प्रकाश चैहान, मनोज साळुंके जबलपुर से प्रदेश उपाध्यक्ष चेतन शंकर शर्मा सहित अनेक पत्रकारों ने संबोधित किया।

