घटना के बाद सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेजा गया और एहतियात के तौर पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। मणिपुर के पहाड़ी इलाकों में ताजा गोलीबारी ने पहले से भड़क चुके जातीय संघर्ष को और उग्र बना दिया है। मणिपुर में 3 मई 2023 से जारी हिंसा के बाद यह पहली बार नहीं है जब गोलीबारी की घटना सामने आई है।
इस बीच राज्य में सरकार गठन की कवायद भी जारी है। बीजेपी नेतृत्व ने मणिपुर में स्थिरता लाने के लिए राज्य के बीजेपी विधायकों के साथ कई दौर की बातचीत की है। इनमें कुकी और मैतेई समुदाय के बीजेपी विधायक भी शामिल हैं। मणिपुर विधानसभा के स्पीकर सत्यब्रत और पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह समेत 34 विधायक हाल ही में पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए एक साथ बैठे थे। यह मुलाकातें हिंसा के बाद पहली बार हुई थीं जब दोनों समुदायों के विधायक एक साथ बातचीत में शामिल हुए थे।
राज्य में जातीय हिंसा के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है और सरकार गठन को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है। बीजेपी नेतृत्व का उद्देश्य मणिपुर में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करते हुए राज्य में एक मजबूत और समावेशी सरकार का गठन करना है।बीजेपी के नेताओं का कहना है कि विभिन्न समुदायों के बीच विश्वास बहाली और समझौते के आधार पर ही राज्य में शांति की स्थिति बहाल की जा सकती है। हालांकि मणिपुर में संघर्ष की जड़ें गहरी हैं और हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कई बार सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ाई जा चुकी है। मणिपुर में बढ़ती हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता के बीच राज्य के लिए आगामी समय में स्थिरता लाना एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

