यह दवा सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) नामक सक्रिय घटक से बनती है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले GLP-1 हार्मोन की तरह काम करता है। यह हार्मोन शरीर को यह संकेत भेजता है कि पेट भरा हुआ है, जिससे भूख कम लगती है और व्यक्ति कम कैलोरी का सेवन करता है। इसके अतिरिक्त, ओज़ेम्पिक का असर पेट की पाचन क्रिया को धीमा करने पर भी पड़ता है, जिससे व्यक्ति लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है और बार-बार खाने से बचता है। इसके कारण यह दवा वजन घटाने में भी प्रभावी साबित हो रही है, जिससे यह डायबिटीज के मरीजों के अलावा अन्य लोगों के बीच भी लोकप्रिय हो रही है।
भारत में सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) ने अक्टूबर 2023 में ओज़ेम्पिक को टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए मंजूरी दी थी। यह दवा अब ग्लाइसेमिक नियंत्रण में सुधार करने के साथ-साथ उन मरीजों में हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी कम करने में मदद करती है, जिन्हें पहले से हृदय रोग है। यह दवा खासतौर पर डाइट और एक्सरसाइज के साथ मिलकर काम करती है और मरीजों के रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है।
हालांकि ओज़ेम्पिक की कीमतें कुछ उच्च हैं, लेकिन यह एक कारगर उपचार विकल्प हो सकती है। फिर भी, किसी भी नई दवा का उपयोग करने से पहले, मरीजों को अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह उनके लिए सही है और उन्हें इसके किसी साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

