विपक्ष का कड़ा विरोध
विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस अहम बिल को पर्याप्त चर्चा और बहस के बिना जल्दबाजी में पास करवा दिया। उनका कहना था कि ग्रामीण रोजगार और आजीविका से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्यापक और खुली बहस आवश्यक थी। हंगामे के दौरान विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे थे और सदन की कार्यवाही बाधित होती रही।विपक्ष का मुख्य आरोप यह भी था कि विधेयक पारित करते समय लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और पारदर्शिता की अनदेखी की गई। विपक्ष ने कहा कि इस बिल का उद्देश्य भले ही ग्रामीण रोजगार सृजन और आजीविका बढ़ाना है, लेकिन इसे बिना पर्याप्त चर्चा के पास कराना संसद की गरिमा के खिलाफ है।
कृषि मंत्री का जवाब
बिल पर चर्चा के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार का पक्ष मजबूती से रखा। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मंत्री ने कहा, हम किसी से भेदभाव नहीं करते। बापू हमारी प्रेरणा और श्रद्धा हैं। हमारे लिए पूरा देश एक है। देश केवल जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतीक है।
उन्होंने आगे बताया कि सरकार का उद्देश्य हर जरूरतमंद तक रोजगार और आजीविका के अवसर पहुंचाना है। इस बिल के जरिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लाखों ग्रामीण परिवारों को स्थायी रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सदन में बढ़ता हंगामा और स्थगन
मंत्री के जवाब के बावजूद विपक्ष का विरोध कम नहीं हुआ। सांसदों ने नारेबाजी जारी रखी और कई ने कागज फाड़कर सदन में फेंक दिए। लगातार हंगामे के चलते स्पीकर ने लोकसभा की कार्यवाही अगले दिन तक स्थगित करने का फैसला किया। यह स्थिति यह दर्शाती है कि बिल का पारित होना राजनीतिक तौर पर कितनी संवेदनशील स्थिति पैदा कर गया है।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
VB–G Ram G बिल के पारित होने के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ गई है। जहां सरकार इसे ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अनदेखी करार दे रहा है। आने वाले दिनों में इस बिल को लेकर संसद के बाहर भी राजनीतिक बहस तेज होने की संभावना है।विशेषज्ञों का कहना है कि इस बिल के प्रभाव और इसके क्रियान्वयन की निगरानी भी महत्वपूर्ण होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, आजीविका के अवसर और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए बिल का क्रियान्वयन प्रभावी और पारदर्शी होना चाहिए।VB–G Ram G बिल न केवल ग्रामीण भारत के लिए आर्थिक अवसर बढ़ाने का माध्यम है, बल्कि यह संसद में कानून बनाने की प्रक्रिया, बहस और राजनीतिक गतिशीलता का उदाहरण भी बन गया है। यह देखना रोचक होगा कि अगले हफ्तों में इस बिल को लेकर क्या नीति और क्रियान्वयन कदम उठाए जाते हैं।

