वायदा बाजार में चांदी 1.53 प्रतिशत बढ़कर 61.60 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड पर पहुंच गई। मंगलवार को, यह धातु 2.66 डॉलर बढ़कर 60.82 डॉलर प्रति औंस के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी। पिछले दो कारोबारी सत्रों में इसमें 5.91 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
मांग अधिक उत्पादन कम
एक साल में चांदी के दाम दोगुने हो गए हैं। चांदी की मांग अधिक है, लेकिन उत्पादन कम। इसके साथ ही उद्योग क्षेत्रों में चांदी की मांग पिछले कुछ सालो में बढ़ी है। बदलती तकनीकी ने चांदी की खपत को बढ़ाया है। सोलर, इलेक्ट्रिक गाड़ियों में अब चांदी का उपयोग बढ़ने लगा है जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक कारों की मांग बढ़ेगी, वैसे-वैसे उपयोग और चांदी की मांग बढ़ेगी।
किस वजह से लगातार कीमतें बढ़ रहीं
दरअसल, दुनिया भर में बढ़ते तनाव, संघर्ष और अनिश्चितता ने सोने और चांदी को सुरक्षित निवेश के तौर पर और आकर्षक बना दिया है। निवेशक शेयर मार्केट की बजाय इनमें निवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही अमेरिकी टैरिफ के आर्थिक प्रभावों को लेकर पैदा हुई चिंताओं ने भी कीमतों को सहारा दिया है। इसके अलावा, दुनिया भर के सेंट्रल बैंक की तरफ से सोने-चांदी की लगातार खरीदारी से बाजार में इन धातुओं की मांग बनी हुई है। वहीं, ईटीएफ में भी भारी मात्रा में पैसा आ रहा है, जिससे कीमतों में तेजी आ रही है।
क्या दो लाख के आंकड़े को पार कर पाएगी चांदी?
एक झटके में चांदी के दाम 11,500 रुपये उछले
अंतरराष्ट्रीय बाजार के संकेतों से बढ़ी मजबूत घरेलू मांग के बीच बुधवार को दिल्ली में चांदी की कीमतों में लगभग दो महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी आई। चांदी के दाम 11,500 रुपये बढ़कर 1,92,000 रुपये प्रति किलोग्राम के नए शिखर पर पहुंच गई। वहीं, सोने की कीमत 800 रुपये बढ़कर 1,32,400 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।
इससे पहले, चांदी की कीमत में इतनी बड़ी एक दिन की बढ़ोतरी इस वर्ष 10 अक्टूबर को दर्ज की गई थी, जब चांदी के दाम 8,500 रुपये बढ़े थे। इसके बाद दाम 1,71,500 रुपये प्रति किलोग्राम हो गए थे।
कारोबारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती, मांग में तेजी, आपूर्ति में लगातार कमी और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में बढ़ते निवेश पर दांव लगा रहे हैं ताकि चांदी की रैली को बढ़ावा मिल सके।

